In Defense of Philosophy – दर्शनशास्त्र के पक्ष में
English source (also written by me): https://astronomyamateurs.blogspot.com/2017/03/in-defense-of-philosophy.html इस लेख का विषय दर्शनशास्त्र दो कारणों के लिए है। पहला ये, कि पिछले कुछ महीनों में मुझे इस विषय पर नई जानकारी मिली है, और दूसरा ये, कि मुझे ऐसा दिखा है कि कई लोगों को इस शास्त्र की उपेक्षा करना बड़ा आसान लगता है। कहने को तो ये प्रश्न भी उठाया जा सकता है कि विज्ञान के बारे में लिखते-लिखते बीच में ही दर्शनशास्त्र क्यों आ गया। इसी कारण से मुझे दर्शनशास्त्र का पक्ष लेना उचित लगता है। आज दर्शनशास्त्र का मतलब कुछ ऐसा हो गया है कि इस शास्त्र में बेहूदा या परेशान कर देने वाले सवाल उठाए जाते हैं। यदि कल परीक्षा या ज़रूरी काम हो, तो कोई अपने अस्तित्व के कारण के बारे में चिंतन क्यों करना चाहेगा ? करना चाहिए। कुछ भी कहिये, आज दर्शनशास्त्र के कारण ही हमारी दुनिया को आकार मिला है। कई बार, कई संस्थाएँ आपको उनके इरादों के बारे में बताना चाहेंगी। उनका कहने का मतलब यही रहेगा कि उनके अमूर्त विचार क्या हैं। अमूर्त विचार... मैंने इन शब्दों का इसलिए उपयोग किया क्योंकि इंसानों के ...